अपने भावी दामाद से
स्नेह से पूछा ससुर जी ने
मेरी पुत्री से जीवन के खेवन - हार
आपको दहेज़ में क्या चाहिए
शर्म का लबादा उतर शान से फरमाइए
बिन मांगी मुरादे पाईये
ससुर जी का सवाल सुन
दामाद ने सोचा क्या - क्या न मांग लू
सोचना हुआ मुहाल
अपनी जिद्द से हम मजबूर है
ज्यादा कुछ नही चाहिए
आपकी बेटी तो खुद लक्ष्मी है
हमें तो बस "टर" चाहिए
यह "टर" क्या है बेटा
दामाद जी ने बड़ी अदब से समझाया
टर यानि मोटर, स्कूटर, रेफ्रिजरेटर, कैलकुलेटर, कंप्यूटर जनरेटर, ट्रांजिस्टर
इतना सुन ससुर जी ने कहा
हम अभी आते है बेटा
और तुम्हे पहनते है स्वेटर
फिर देते है अपनी डाटर
जिसके हाथ में है हंटर
जो तुम्हे मर कर बना देगी वेटर
कुछ समझे मिस्टर
दामाद यह सुन कर भागे जैसे हेलीकाप्टर
No comments:
Post a Comment